उर्दू के बेहतरीन शायर अनवर जलालपुरी अब नही रहे उनका निधन कल दो जनवरी को सुबह के वक़्त किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेण्टर में हो गया 28 दिसम्बर को उन्हें मस्तिष्क आघात पहुँचा जिसके बाद उन्हें ट्रामा सेण्टर में एडमिट किया गया था अनवर जलालपुरी ने अपने पीछे एक विरासत छोड़ गए है हमारे लिए उन्होंने "भगवत गीता" (2013) को उर्दू ज़बान में ट्रांसलेट किया उर्दू शायरी में "गीतांजलि" (2014) उन्होंने लिखी और "राहरौ से रहनुमा तक" (2012) यह सब उनकी विरासत है जो उन्होंने हम सबको सौप दी है !
अनवर जलालपुरी जी का जन्म 06/07/1947 को जलालपुर अम्बेडकर नगर उत्तरप्रदेश राज्य में हुआ था आपने अकबर द ग्रेट धारावाहिक के संवाद भी लिखे है आपको यश भारती सम्मान साल 2015 में दिया गया !
आपकी प्रमुख गज़ले कुछ यूँ है -
* उम्र भर जुल्फ ए मसाएल यूँ ही सुलझते रहे
* जंज़ीर व तौक या रसन व दार कुछ तो हो
* हुस्न जब इश्क़ से मन्सूब नही होता है
* ख्वाहिश मुझे जीने की ज़ियादा भी नही है
* खुदगर्ज़ दुनिया में आखिर क्या करें
* मेरी बस्ती के लोगो अब न रोको रास्ता मेरा
* मैं जा रहा हूँ मेरा इंतज़ार मत करना
*जुल्फ को अब्र का टुकड़ा नही लिखा मैंने
* मैं शायर हूँ मेरा रुतबा नही किसी वज़ीर जैसा
* बाल चाँदी हो गए दिल गम का पैकर हो गया
इसी तरह की और भी बहुत सारी ग़ज़लें अनवर जलालपुरी जी की है जो दिल को सीधा छू जाती है अल्लाह उनकी रूह को सुकून बख्से और उन्हें जन्नत में दाखिल करे ! आमीन !
Md Danish Ansari
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