Wednesday, 7 February 2018

हमसफ़र - Humsafar भाग -2


आधे घंटे के बाद पुलिस आयी उन्होंने मेरा बयान लिया लेकिन वो बार बार इसी बात पे अटके हुए थे की तुम देर रात के बाहर दरिया के किनारे कर क्या रहे थे और मैं बार बार उन्हें यह बताता रहा की सर मुझे गर्मी लग रही थी तो मैं बस निकल गया था घर से बाहर मगर वो थे की बस उसी बात पे अटके हुए थे ! उन्होंने मुझसे पूछा उस गाड़ी का क्या जो तुमने पूल से गुजरते हुए देखा था ? मुझे क्या पता उसका क्या हुआ क्या नही ! हमारे कहने का मतलब यह  की वो कार कैसी दिखती थी उसका गाड़ी नंबर क्या था कौन सी कार थी ? सर मैं निचे था साथ ही अँधेरा भी मुझे सिर्फ इतना पता है की वो कार थी सफ़ेद रंग की मुझे कार का नंबर नहीं दिखा ! और तुमने देखने की कोशिश भी नही की ? सर कौन आदमी कार का नंबर देखते फिरता है ? अच्छा !तो फिर कौन आदमी इतनी रात के बाहर एक सुनसान जगह पर घूमने निकलता है और लौटते वक़्त अपने साथ एक अधमरी लड़की को लाता है ? सर आप खामखा मुझ पर शक कर रहे है मुझे थोड़ी पता था के मेरे साथ ये सब होने वाला है मैं तो खुद परेशान हूँ इन सब घटनाओं को लेकर उस पर से आपके ये गोलमोल सवाल मुझे और परेशान कर रहे ! देखिये मिस्टर पुलिस का काम ही है सवाल करना , मैं बस इतना कहना चाहता हूँ सर की प्लीज आप गोलमोल बात न घुमाए बल्कि जो भी पूछना है साफ़ साफ़ पूछिए !

खैर मुझसे काफी देर तक पूछ ताछ होती रही फिर उस लड़की को होश आ गया डॉक्टर ने हमें बुलाया पुलिस ने जब उससे पूछा की उसके साथ आखिर हुआ क्या था उस रात को तो वह कुछ बोली ही नही फिर उन्होंने मुझे सामने लाया और पूछा की क्या तुम इसे जानती हो उसने कहा नही तुम कहा की हो तुम्हारा घर कहा है तुम्हारे घर पता बता सकती हो ताकि हम तुम्हारे घर वालो को तुम्हारे बारे में बता सके ??? पुलिस काफी सारे सवाल करती रही मगर वो किसी भी सवाल का जवाब नही दे रही थी बस बेड पर पड़ी हुई छत की तरफ नज़रे टिकाई हुई पुलिस ने काफी कोशिश की जानकारी हाँसिल करने की मगर वह कुछ बोली ही नही ! सब बाहर आ गए तब इंस्पेक्टर ने डॉक्टर से पूछा आखिर वो कुछ बोल क्यों नही रही है ? देखिये इंस्पेक्टर ऐसा है की लड़की के सर के पीछे की तरफ चोट के निशान तो है मगर वह ज्यादा गहरे नही है लड़की इससे बेहोश तो हुई होगी और मुझे लगता है शायद वह सदमे में है इस वक़्त शायद इसी लिए वह किसी से बात ही नही कर रही है ! डॉक्टर उसे नार्मल होने में कितना टाइम लग जायेगा , कह नही सकते ? फ़िलहाल हम इसे यही हॉस्पिटल में अभी रख रहे है एक दो दिन बाद इसे डिस्चार्ज कर देंगे तब तक शायद वो कुछ हद तक सही हो जाये और आपको आपके सवालों के जवाब भी मिल जायेंगे , ठीक है डॉक्टरहम बिच बिच में आते रहेंगे और अगर आपको कोई ऐसी बात पता चलती है जो हमे जानना जरुरी है तो आप मुझे कॉल करे ! 

पुलिस वाले तो चले गए साथ ही मेरा सारा डिटेल लिए एड्रेस मोबाइल नंबर कहा काम करता हूँ कुछ फिर मुझे भी वो लोग घर छोड़ कर चले गए ! उस दिन मैंने ऑफिस कॉल करके छुट्टी ले लिया कल रात से सोया जो नही था पर मुझे नींद ही नही आ रही थी रह रह कर बस वो लड़की ही याद आती उसका चेहरा मेरे आँखों के सामने होता जब भी मैं अपनी आँख बंद करता मुझसे रहा ही नही गया और मैं शाम को फिर हॉस्पिटल के लिए निकल पड़ा !

कहानी आगे जारी है। ....

नोट :- अगर आप (हमसफ़र) Humsafar का पहला भाग नही पढ़े है तो इस लिंक पे क्लिक करें -
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Md Danish Ansari

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