शाम को मैं हॉस्पिटल पहुँचा उस लड़की को देखने पर वो मुझे अपने बेड पर नही दिखी तो मैं रिसेप्शन पर गया और वहा पूछने पर पता चला की उसे तो आधे घंटे पहले ही डिस्चार्ज किया गया है ! उसे यहाँ लेने कौन आया था ? जी कोई नही तो फिर आपने उसे डिस्चार्ज क्यूँ किया आपने पुलिस को कॉल करके बताया की मरीज को आपने यहाँ से डिस्चार्ज किया है ? नही सर , वाह न पुलिस को खबर की न मुझे जब की मेरा नंबर भी मैंने यहाँ छोड़ रखा है ! मैं हॉस्पिटल से बाहर आया और जल्दी से पुलिस को कॉल किया उन्हें सारी बात बताई , मैं उसे ढूंढते हुए लाल चौक पे पहुँचा काफी देर तक ढूढ़ने के बाद भी वो मुझे दिखी नही ! मैं घर की तरफ लौट नही पा रहा था मुझे उसका ख्याल आता और मेरे कदम रुक जाते पुरे शहर में ढूंढते ढूंढते रात हो गयी इस पुरे बिच मैं पुलिस को कॉल करके हालात का जायजा लेता रहा मगर पुलिस के हाँथ भी वह अभी तक नही लगी थी ! मैं समझ नही पा रहा था की वह इतनी जल्दी इस शहर से गुम कैसे हो गयी क्या वो इसी शहर की थी अगर ऐसा होता तो अब तक तो उसके परिवार वाले आ कर उसे ले जा चुके होते मगर पुलिस के हाँथ तो कुछ लगा ही नही था अभी तक ! इसी तरह के सवालों के घेरों के बिच कश्मकश में मैं सर झुकाये चलने लगा पता ही नही चला कब चलते चलते सुनसान सड़क पे आ पहुँचा इस सड़क को लोग ज़्यदातर दिन में ही इस्तेमाल करते है क्योकि रात के वक़्त ये सड़क सुनसान और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है खैर यह सड़क नीलम के किनारे किनारे गुजरती है तो मेरे घर यहाँ से शार्ट कट में पड़ता है ! मैं थक हार कर उसी सड़क पर चलने लगा मन मैं निराशा लिए और बहुत सारे सवाल , तभी किसी लड़की के चिल्लाने की आवाज़ आयी मैं इधर उधर देखने लगा तभी मुझे पेड़ो के पीछे झाड़ियों के बिच मुझे हलचल दिखी फिर जोर की आवाज़ आयी बचाओ मैं दौड़ते हुए उस तरफ भागने लगा जैसे ही वहा पर पहुँचा कुछ लड़के एक लड़की को जकड़े हुए थे मैंने आओ देखा न ताओ सीधा जमीन पर पड़ा पत्थर उठा कर एक बन्दे के सर पे दे मारा बाकि के दो लड़के मेरी तरफ बढे ही थे की पास पड़ी लकड़ी उठा कर पीटना सुरु कर दिया बिना रुके एक पल भी नही रुका बस पीटता रहा उन्हें जानवरो की तरह जैसे मेरे अंदर कोई शैतान बस गया हो तीनो को पीटता रहा पिट पिट कर जब वो अधमरे से हो गए तब जा कर मेरे हाँथ रुके ! मैं पीछे पलटा और उस लड़की से पूछा आप ठीक है मैडम जैसे ही मैं उसे देखा हैरान हो गया जिसे दिन भर ढूंढ़ता रहा वो मिल गयी थी ! मैं उसकी तरफ बढ़ा - शुक्र है खुदा का मुझे मिल गयी कितनी देर से आपको खोज रहा हूँ ! मैं बिना देर किये पुलिस को सारी बात बताया और मैं उसे वहा से चलने के लिए कहा पर वो जैसे ही आगे बढ़ी दर्द से कराह उठी शायद उन लड़को से हाँथा पाई के दौरान उसके पैरों में मोच आ गयी थी उसे उठा कर रोड की तरफ जाने लगा तभी मेरे पीछे से किसी ने मुझपे वॉर किया पलट कर देखा तो उन्ही में से एक लड़का था मेरा सर हिल गया मैंने उस लड़की को निचे उतारा और उसे भागने के लिए कहा - भागो जल्दी जाओ , तभी उसने मेरे सर पर फिर दे मारा और फिर मैं गिर गया बेहोश होने से पहले तक बस इतना देख पाया की वो उसे फिर से पकड़ लिए है और बस फिर मैं बेहोश हो गया !
होश आया तो हॉस्पिटल में था सर में काफी दर्द और शरीर में भी देखा तो पट्टी बंधी हुई थी तभी मुझे उस लड़की का ख्याल आया - मेरे साथ एक लड़की थी वो कहा है ? डॉक्टर ने सर से इशारा करके मुझे बताया मैं अपने बाजु में देखा तो वो मेरे पास ही मेरे बेड पर सर रखे सो रही थी ! क्या हुआ था इंस्पेक्टर ? तुम्हारे कॉल करने के बाद जब हम वहा पहुँचे तो ये उनसे लड़ रही थी पुलिस की सायरन की आवाज़ सुनकर वो भाग गए हमारी तलाश जारी है वो जल्द ही पकडे जायेंगे सब लोकल लड़के ही है नशेड़ी ! मैं कितने देर से बेहोश था ? दस घंटे से तुम्हारे सर पे चोट लगी है और तुम्हारे शरीर पर चाकू से किये घाव है तुम्हे आराम करना चाहिए ! डॉक्टर सही कह रहे है तुम आराम करो हम चलते है !
तभी वो जाग गयी और वो खड़ी हो गयी , ऑफिसर क्या इनके परिवार वालो की कुछ खबर या इनके बारे में ? अभी तक तो नही पर हमने अखबार में इनकी फोटो दे दिया है जल्द ही कुछ पता चलता है तो आपको बता देंगे , इन्होने कुछ बताया नही आपको ? नही असल में इन्हे कुछ भी याद नही न अपने बारे में और न ही अपने फॅमिली के बारे में इसी लिए हम इन्हे महिला केंद्र में छोड़ आने वाले कुछ कागजी कार्यवाई होनी बाकि है तब तक के लिए ये यही रहेंगी हॉस्पिटल में , पर डॉक्टर ने तो कहा था की ये बिलकुल ठीक है तो फिर ये कैसे हुआ ? असल में शुरू में हमने घाव को ऊपर की तरफ से ही देखा था जो बेहद मामूली था मगर तुम्हारे यहाँ गंभीर हालत में आने के बाद और पुलिस के काफी पूछ ताछ के बाद जब ये जवाब नही दे पाई तो हमने इनके सर का MRI स्कैन किया तब जा कर हमें पता चला की इनके सर पे अंदरूनी चोट भी लगी है जिसकी वजह से इनकी याददास्त खो गयी है मगर अच्छी खबर ये है की जिस हिस्से में इन्हे चोट लगी है वहा चोट लगने पर इंसान की याददाश्त जल्द ही लौट आती है कभी ज्यादा वक़्त भी लगता है मगर ज्यादातर केसेस में याददास्त जल्दी लौट आती है ! आप लोगो से इतनी बड़ी गलती कैसे हो गयी आप डॉक्टर हो की झोला छाप जो अपने मरीज का ठीक से इलाज किये बगैर उसे डिस्चार्ज दे देता है वो भी ऐसे सीरियस मेटर में जहा किसी की ज़िन्दगी दाव पे लगी हुई है ? देखो मिस्टर यहाँ दिन भर रात भर इतने केसेस आते रहते है और वैसे भी ये सरकारी हॉस्पिटल है इससे ज्यादा आप क्या उम्मीद करते है हमने इस लड़की की जान बचाई और जब हमे लगा की यह अब ठीक है हमने डिस्चार्ज कर दिया , बस बस अब आराम करो तुम्हारे जख्मो से खून बहने लगा जो हुआ सो हुआ अब आइंदा से ऐसा न होने पाए इस तरह की घटना डॉक्टर वरना लापरवाही बरतने के जुर्म में मैं आपको अंदर कर दूंगा , ऑफिसर अगर आपको और इन्हे (लड़की) कोई ऐतराज न हो तो ये मेरे साथ रह सकती है ! इसमें हम कुछ नही कह सकते इसका फैसला तो महिला आयोग वाले ही करेंगे की ये आपके साथ रह सकती है या नही ! अब तुम आराम करो हम चलते है - ठीक है सर ! उनके जाने के बाद मैंने उसे देखा और उसने मुझे कुछ देर देखते ही देखते मुझे फिर से नींद आ गयी और मैं सो गया !
कहानी आगे जारी है। .......
नोट :- अगर आप हमसफ़र (Humsafar) का दूसरा भाग नही पढ़े है तो इस लिंक पे क्लिक करें
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Md Danish Ansari
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