Wednesday, 24 January 2018

मेरी डायरी - (1) शुभकामना ...

रात के ११:३५ मिनट हो रहे है और मैं अभी तक सोया नही हूँ मुझे नींद तो बहुत आ रही है पर मैं सोना नही चाहता असल में मेरे दिमाग में एक ही वक़्त में बहुत सारी चीजे चल रही है जैसे की कल ऑफिस जाऊंगा तो क्या होगा क्या फिर से वही कंप्यूटर की स्क्रीन में नज़र गडाए ये ज़िन्दगी बीत जाएगी या फिर उससे भी ज्यादा कुछ होगा मेरे लिए ! रात के बारह बजते ही नए साल का पहला दिन गुजर जायेगा आप सबने भी बहुत जश्न मनाया होगा ! कोई फुल पी के टल्ली हुआ होगा तो कोई इतना पिया होगा की बस सब वापस निकाल रहा होगा कुछ ऐसे भी होंगे की बेचारे ये सोच रहे होंगे की कहा साला इसके साथ फंस गया जब पचा नहीं सकता तो इतना पीया ही क्यों बहुतो ने कल रात को ये कसम खायी होगी की नए साल से पीना बंद और बहुतो ने तो पहली बार शराब को हाँथ लगाया होगा कुछ सिगरेट छोड़ने की कसमे खा रहे होंगे तो कुछ पहली बार सिगरेट पी रहे होंगे ! कोई चुपके से पिया होगा तो कोई खुलेआम पिया होगा किसी ने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ खूब मौज मस्ती की होगी तो किसी का ब्रेकअप हुआ होगा किसी ने किसी का सर फोड़ा होगा तो किसी ने किसी का दिल जोड़ा होगा ! तो बहुत से ऐसे भी होंगे जो बिच सड़क पे हैप्पी न्यू इयर लिख रहे होंगे आने जाने वाले मुसाफिरों को अपनी शुभकामनाए देने के लिए कुछ ने तो अपने पड़ोसियों की दीवारे भी लीप दिया होगा बेचारा पडोसी उठा ख़ुशी ख़ुशी आज नया साल है जब देखा दीवाल की हालत तो बस फुट पड़ा होगा और बेचारे मोहल्ले वाले ये कह कर अपना माथा पकड़ लेंगे की यार नए साल के दिन ये क्यूँ चिल्ला रहा है बहुतो ने तो इतना इंजॉय किया होगा की अभी तक बिस्तर से उठने की ताक़त ही नही आई होगी ! खैर इस बिच कोई मंदिर गया होगा कोई मस्जिद कोई गुरुद्वारा तो कोई चर्च कोई नास्तिक बन रहा होगा तो कोई आस्तिक कोई किसी से साथ जीने और मरने की कसमे खाया होगा तो कोई किसी का साथ छोड़ गया होगा सब कुछ हो रहा है इसी बिच हमारी ज़िन्दगी बस चलती जा रही है वक़्त का पहिया घूमते जा रहा है समय को दो तरीके से देखा जाता है कुछ लोग इसे आगे की तरफ देखते है तो वही कुछ इसे पीछे की तरफ देखते है यानि सब कुछ बदल रहा है कुछ भी ऐसा नहीं है जो थमा हुआ हो कोई रो रहा है कोई चिल्ला रहा है कोई हँस रहा है कोई गा रहा है बस इसी तरह सब चलते जा रहे है अपने अपने सफ़र में बहुत सी जिंदगियों ने इस दुनिया को अलविदा कह कर आगे की सफ़र पे बढ़ गए है तो कुछ इस दुनिया में जन्म लेकर यहाँ का सफ़र अब शुरू कर रहे होंगे जो माँ और पिता बने है उन्हें ढेर सारी शुभकामनाए !
इन सभी चीजो से एक बात तो समझ आ रही है की ज़िन्दगी तभी तक कायम है जब तक समय चल रहा है जब तक समय का वजूद है जिस दिन समय थम गया उस दिन बस फुफ्फ्फ़ सब कुछ होकर भी कुछ नही होगा बस धुआं धुआं तो दोस्तों आप सबको नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाए आप खुश रहे आबाद रहे प्यार मोहब्बत से रहे सेहतमंद रहे और अपने अपने वादों पे कायम रहे और दीन दुनी रात चौगुनी तरक्की करते जाये और अपने आस पास सफाई रखे और हा गरीबो पर थोडा रहमो करम भी करे ताकि दुआएं मिलती रहे आप सब की उम्र लम्बी हो और सेहतमंद हो ! आमीन !

इसी के साथ अलविदा कल ज़िन्दगी रही तो फिर मिलेंगे !

अल्लाह हाफिज़ शुभ रात्रि गुड नाईट

Md Danish Ansari

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