Wednesday, 31 January 2018

माँ ......

January 31, 2018 0 Comments
माँ कितना खुबसूरत शब्द है न पर इससे भी खुबसूरत है वो जिसे कहते है माँ  शर्द रातों में जब कभी कम्बल मेरे शरीर से हट जाता है माँ उसे सही करती है  रातों को उठ उठ कर बार बार मुझे देखने आती है उसका लाल सोया की नहीं उसे कोई परेशानी तो नही ये जानने के लिए वो बैचेन रहती है ऐसी होती है माँ  कई बार कहा है...

Tuesday, 30 January 2018

ये वो ख्वाब है जो कभी पूरा नही सकता

January 30, 2018 0 Comments
चलो आ भी जाओ अब मुझे इतना भी न तडपाओ  कब से इंतज़ार कर रहा हूँ एक तेरे हाँ की  डोली सजा रखी है मैंने एक तेरे नाम की  दोस्त मरे जा रहे है नागिन डांस करने के लिए  कोई हांथों में रुमाल लिए सपेरा बनने के लिए  चूड़ी कंगन चुनरी पायल सब कुछ रख लिया माँ ने  सब बेताब हुए जा रहे बस एक तेरे...

Monday, 29 January 2018

आँखों में नींद है .....

January 29, 2018 0 Comments
आँखों में नींद है मगर सोना नही चाहते  उसकी यादों में फिर हम खोना नही चाहते  बहुत तकलीफ होती है मुझे हर सुबह  जो उसके ख्वाब देखे और उसको करीब नही पाते  ये भी तकलीफ है मुझे दूर उससे रह नही सकते  बाते उनकी करना चाहें मगर करना नही चाहते  अधूरी लकीरे ले कर आया हूँ इस दुनिया में काश...

Saturday, 27 January 2018

बोझल विचार ..........

January 27, 2018 0 Comments
बहुत दिन हो गए मुझे अच्छी नींद लिए रात भर जगता रहता हूँ कभी इस करवट कभी उस करवट कभी मोबाइल में आँखें गड़ा देता हूँ तो कभी कानो में हेड फ़ोन लगा कर गीतों से दिल बहलाने की कोशिश करता हूँ , मगर सच यही है न तो दिल बहलता है और न ही नींद आती है विज्ञान की भाषा में हम इसे अनिद्रा कहेंगे जिसमे व्यक्ति को नींद नही आती कुछ कारणों...

Friday, 26 January 2018

फ़ितरत.....

January 26, 2018 0 Comments
फूलों की है फ़ितरत महकना सो वो महका करते है मेरी फ़ितरत में है मोहब्बत तो हम मोहब्बत करते है  तुम्हारी नज़रो की फ़ितरत भी कमाल की लगती है  सबको घायल भी करती है और मरहम भी करती है  क्या तेरी फ़ितरत में ही शामिल है ये नटखटपन सनम  जो मोहब्बत भी करती है और इनकार भी करती है  अक्सर...

Thursday, 25 January 2018

एहसास.....

January 25, 2018 0 Comments
आज वो मुझसे मिलकर मेरे हालात पे खूब रोई  हम यही सोचते रहे क्या ये वही है जो साथ छोड़ गयी  मुझसे लग कर वो कुछ इस तरह अश्क़ बार हुई  ये दिल न चाह कर भी मद्धम से धड़कने लगा क्यूँ  बहुत मोहब्बत करते थे उनसे आज भी करते है  मगर अब इस सीने में दिल नही बस उसकी चंद साँसे है  मेरे चेहरे...

वजूद ....

January 25, 2018 0 Comments
लफ्ज़ लफ्ज़ हर्फ़ हर्फ़ सब टूट टूट कर बिखर रही  नाराज़गी भरी आवाज़ से हर साज़ टूट कर बिखर रही   रात रात नही दिन दिन नही और ज़िन्दगी में चैन नही  जो हर बात टूट कर बिखर गयी वो आवाज़ तुम नही *** अब्र अब्र बस धुआँ धुआँ तेरी याद में कुछ इस तरह हुआ के अब मैं अपने ही वजूद से पूरी तरह...

मेरा दिल....

January 25, 2018 0 Comments
कुछ तो कहे ये मेरा दिल खामोश क्यूँ है बता  अच्छा भला तू था यहाँ ये दबी जबान क्यूँ है बता ये दबी दबी सी तेरी हंसी क्यूँ है भला तू बता  कुछ तो कहे क्यूँ चुप रहे किसने तुझे छू लिया  ए दिल तेरी ये नादानियाँ क्या राज़ है तू बता  कुछ तो कहे क्यूँ चुप रहे मुझसे छुपता क्यूँ भला  उसे देख कर कुछ...

जमुहीरियत भाग - 2 शोषण

January 25, 2018 0 Comments
Suprime Court The Last Hope For Justice बेरोजगार हूँ रोजगार दो मुझे घंटी और अज़ानों के बीच न बाँटो मुझे  अनपढ़ हूँ शिक्षा दो मुझे अपनी गन्दी राजनीति से न छलो मुझे  शिक्षित हूँ फिर भी बेहाल हूँ तुम्हारे बच्चो का भी भार ढोया करता हूँ  लड़ कर भीड़ कर हार कर जो ली हमने शिक्षा बता उसका मैं क्या करूँ  तुम...

Wednesday, 24 January 2018

मुबारक हो तुम्हे नया साल

January 24, 2018 0 Comments
पल पल बीतने के साथ मेरी आरज़ू मेरे ख्वाब मेरी तमन्ना इस दिल की धड़कन बढाती है  नए साल में भी तुम रहो मेरे साथ साथ और पास यही दुआ इस दिल से बार बार आती है  कुछ नए रंग तुझपे चढ़ेंगे कुछ पुराने उतर जायेंगे कुछ धुल जायेंगे कुछ रंग जायेंगे  न फीका पड़े हमारी मोहब्बत का रंग कुछ इस तरह हम तुम्हारा साथ निभा...

ख्वाब .....

January 24, 2018 0 Comments
कुछ ख्वाब इन आँखों में अधूरे रह गए कुछ ख्वाब इन हाँथों से गिर करटूट गए  आप आओ न आओ फर्क नही पड़ता हमे ये साँस कब का इस जिस्म कोछोड़ गए  ***** Md Danish ...

मेरी डायरी - (1) शुभकामना ...

January 24, 2018 0 Comments
रात के ११:३५ मिनट हो रहे है और मैं अभी तक सोया नही हूँ मुझे नींद तो बहुत आ रही है पर मैं सोना नही चाहता असल में मेरे दिमाग में एक ही वक़्त में बहुत सारी चीजे चल रही है जैसे की कल ऑफिस जाऊंगा तो क्या होगा क्या फिर से वही कंप्यूटर की स्क्रीन में नज़र गडाए ये ज़िन्दगी बीत जाएगी या फिर उससे भी ज्यादा कुछ होगा मेरे लिए ! रात...

छेर छेरा तिहार ...

January 24, 2018 0 Comments
आगे रे आगे रे संगी देखो छेर छेरा तिहार  फसल के कटाई होंगे दाई ये ख़ुशी के तिहार   चलो रे चलो रे संगी जाबो हमन घरे घर मा छेर छेरा कोठी के धान ला हेरत हेरा गाबो संग मा   आगे रे आगे रे संगी देखो छेर छेरा तिहार  नाचो गाओ धूम मचाओ ख़ुशी मनाओ यार  आओ संगी हाँथ बढ़ाओ भरो कोरा...

अतीत वर्त्तमान और भविष्य

January 24, 2018 0 Comments
सबसे पहले तो हमे यह जानना चाहिए की दुनिया किसे कहे क्या भौगोलिक रूप से दिख रही वस्तुओं इमारतों को ही हम दुनिया कह सकते है या फिर लोगो के व्यवहार और उनकी भावनाओं को भी हम दुनिया का हिस्सा मान सकते है ? मेरे विचार से हमारे वर्त्तमान में हर वह चीज जो भौतिक और अभौतिक रूप से विद्यमान है वह सब कुछ हमारी दुनिया का हिस्सा...

मेरी डायरी - (2) अनवर जलालपुरी

January 24, 2018 0 Comments
उर्दू के बेहतरीन शायर अनवर जलालपुरी अब नही रहे उनका निधन कल दो जनवरी को सुबह के वक़्त किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेण्टर में हो गया 28 दिसम्बर को उन्हें मस्तिष्क आघात पहुँचा जिसके बाद उन्हें ट्रामा सेण्टर में एडमिट किया गया था अनवर जलालपुरी ने अपने पीछे एक विरासत छोड़ गए है हमारे लिए उन्होंने "भगवत...

जमुहीरियत भाग-1

January 24, 2018 0 Comments
क्यों जुल्म करे तू जुल्मी तेरा हक़ मुझपे क्या है  क्यों सताए तू मुझको तेरा हक़ मुझपे क्या है  मैंने चुना था तुझको अपनी रहनुमाई के लिए  तू मुझको तड़पाये बता तेरा हक़ मुझपे क्या है  ये मुल्क हमारा है ये जमुहीरियत हमारी है  तू इस जमुहीरियत की बस एक छोटी सी इकाई...

Tuesday, 23 January 2018

तस्वीर .....

January 23, 2018 0 Comments
सालो बाद हमने रंगो को को हाँथ लगाया  सालो बाद हमने कागज पर रंगो को बिखेरा  जो तस्वीर बनी तो देख कर हैरान हुए हम  इस दिल में तेरी कोई तस्वीर अब भी बाकि है देख कर उसे रोना आया फिर ठहाके लगाया हंस पड़ा मैं अपनी ही नादान बेवकूफ़ी पे  उसे भुलाना चाहा जो हमेशा मुझमे ही रहा  मैं भूल...

कुछ तो ख्याल है उसे भी अपने रिस्तों का

January 23, 2018 0 Comments
कुछ तो ख्याल है उसे भी अपने रिस्तों का  वरना यूँ वो हमसे निगाह न चुराया करती  परदे की आड़ से करती है वो दीदार हमारा   वो खुद का दीदार हमे कराया नही करती    जब भी मिलता हूँ मैं अक्सर उससे तो बस दूर से ही देख कर हमे गुजर जाया करती बड़ा खूबसूरत एहसास है मुझे...

Monday, 22 January 2018

युवा है हम .....

January 22, 2018 0 Comments
युवा है हम इस देश की शक्ति है हम नवनिर्माण क्रांति की ज्वाला है हम  अपने देश के लिए जो ढ़ाल बने है ऐसा हमारा सीना है वो सेना है हम  अपने मुल्क के कण कण में जो ऊर्जा भर दे वो भरपूर नव ऊर्जा है हम  सोये मुल्क किस्मत जो जगा दे ऐसे ताले को जो खोले वो चाबी है हम  समाज...

Sunday, 21 January 2018

इज़ाजत .....

January 21, 2018 0 Comments
इस दिल की आरज़ू है के तुझे छू लूँ में सनम हो अगर तेरी इज़ाजत तो तुझे बाँहों में भर लूँ अभी तो बड़ी दूर तलक मुझे सफर करना है हो अगर तेरी इज़ाजत तो कुछ दूर तेरे संग चलूँ मेरे पास तेरी कोई तस्वीर नही है जाना इन आँखों से तेरी एक तस्वीर दिल में बना लूँ तुम्हारी ये ख़ामोशी मुझे बैचेन करती है कुछ...
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