Sunday, 18 March 2018

हिन्दू नव वर्ष | Hindu New Year


ग्रंथो में लिखा है की जिस दिन  सृस्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया उस दिन चैत्र शुदी 1 रविवार था ! हम सभी के लिए आज का ये संवत्सर 2075 बहुत ही महत्वपूर्ण है ऐतिहासिक रूप से और हमारे हिन्दू भाई बहनो के लिए यह धार्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योकि इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है शुदी और "शुक्ल पक्ष एक है !
चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को सृस्टि का आरम्भ हुआ था।  हिन्दू नव वर्ष चैत्र प्रतिप्रदा को शुरू होता है इस दिन ग्रहो और नक्षत्रों में दिशा परिवर्तन होता है हिंदी महीने की शुरुआत इसी दिन से होती है !

इसी समय सभी पेड़ पौधों में फूल मंजर कली आते है वातावरण में एक नया जोश होता है जो मन को मोह लेता है ! जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है और इसी दिन ब्रम्हा जी ने सृस्टि का निर्माण किया था भगवान विष्णु का प्रथम अवतार इसी दिन हुआ था साथ ही साथ नव रात्र की शुरुआत इसी दिन से होती है जहा हिन्दू भाई बहन उपवास रखते है !

वैष्णव दर्शन भी चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है चैत्र का आध्यात्मिक स्वरुप इतना उन्नत है की इसने बैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। न शीत न ग्रीष्म पूरा पावन काल है श्री राम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के ठीक नवे दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।  आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन हुई थी यह दिन कल्प सृस्टि युगादि का प्रारंभिक दिन है।  संसार व्यापी निर्मलता और कोमलता के बिच प्रकट होता है हिन्दू नव वर्ष विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का सम्बन्ध सिर्फ हमारे काल चक्र यानि समय से ही नहीं बल्कि साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। 
चैत्र मास का वैदिक नाम है मधु मास मधु मास मतलब आनंद बाटती वसंत का मास। यह वंसत आ तो जाता है फाल्गुन में मगर पूरी तरह व्यक्त होता है चैत्र में पूरी प्रकृति खिलखिला उठती है फल पकने लगते है चारो और पकी फसल का दर्शन आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है खेतो में हलचल फसलों की कटाई हंसिए का खर खर करता स्वर खेतो में डांट डपट मजाक करती आवाजे जरा अपने देखने के नज़रिये को विस्तार दीजिये चैत्र क्या आया मानो खेतो में हंसी ख़ुशी की रौनक  गयी। 
नई फसल का घर में आने का समय भी यही है इस समय प्रकृति में सभी जिव जंतुओं पेड़ पौधों में नया जीवन रचने बसने लगता है।  गौर और गणेश पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान में की जाती है ! चैत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह वर्ष संवत्सर का राजा कहा जाता है , मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर मंत्री होता है , मेषार्क का मतलब क्या है असल में यह मेष राशि से बना है इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है इसी लिए इसे मेषार्क कहा जाता है संधि विच्छेद कुछ इस तरह है मेष + अर्क = मेषार्क। 

नव वर्ष एक उत्सव की तरह पुरे विश्व में अलग अलग स्थानों पर अलग अलग तरीको तथा विधियों से मनाया जाता है ! विभिन्न सम्रदायों के नव वर्ष समारोह अलग अलग होते है और इनके महत्व भी विभिन्न संस्कृतियों में अलग है अलग होती है जैसे -

इस्लामी कैलेंडर का नया साल मुहर्रम से शुरू होता है इस्लामी कैलेंडर पूरी तरह चाँद पर आधारित है जिसके कारण इसके बारह मासो का चक्र 33 वर्षो में सौर कैलेंडर का एक चक्र पूरा करता है। 

हिब्रू नव वर्ष - हिब्रू मान्यताओं के अनुसार ईश्वर द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे इस सात दिन के संधान के बाद नया साल मनाया जाता है। 

पश्चिमी नव वर्ष - नया साल 4000 साल पहले से बेबीलोन में मनाया जाता रहा लेकिन उस समय नए साल का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था ! रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने इसा पूर्व 45 वे वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की उस समय विश्व में पहली बार १ जनवरी को नया साल मनाया गया।  


नोट :- अगर लिखने मैं या किसी तरह की जानकारी साझा करने में कोई गलती हुई हो तो उसके लिए क्षमा का प्रार्थी हूँ। 
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Md Danish Ansari

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