Monday, 26 February 2018

Sanwaar Dun.....

February 26, 2018 0 Comments
Sanwaar dun sanwaar dun aaj tujhko sanwaar dun Hai julf teri uljhi uljhi paas aa tu inhe sanwaar dun Hai naino me tere gahra neel saagar Abr ke kaajal se inko ko sanwaar dun Rafta rafta meri dhadkane hai  Aaj inse tere naam ko sanwaar dun Tumhe dekh ke kah rahi hai ye fizaye Aaj tum itna kaise or...

Hum Tere Diwaane.....

February 26, 2018 0 Comments
Jaha se wo gujre us gali ko mahka gaye Jise bhi wo chhu le use bhi mahka gaye kya itra se naha kar aayi hai wo is jahan me yahi kahta hai har koi uska chahne wala Barso se Qaid tha main khud khud ke andar Mujhse mile or mujhe khud se aazad kara gaye  Uski har ek ek ada pe sab apna dil haare hai Kaun...

Sunday, 25 February 2018

Baaten

February 25, 2018 0 Comments
khubsurat mausam hai or uspe ye raat ka pahra  kitni bhi koshish kare teri yaaden aa hi jati hai  khwabo ka kya hai wo to in aankhon me baste hai  or jab teri yaad aati hai to mujhe betaab karte hai  dekho na tapish hai itni ke har koi pareshan hai  magar main nahi tumne julfon ka...

Wednesday, 21 February 2018

हमसफ़र - Humsafar Part-6

February 21, 2018 0 Comments
रात भर इस बारे में सोचता रहा की आखिर ये कैसे हो सकता है की जिस लड़के की सगाई हो चुकी हो वही अपनी मंगेतर का बलत्कार करे ? यह सवाल इस लिए नहीं था की मैं आइशा के किरदार पर शक कर रहा था बल्कि यह सवाल उस लड़के पे था जिसपे आइशा यानि संगीता आरोप लगा रही थी ! आप खुद ही जरा सोचिये अगर आपकी सगाई हो चुकी है और कुछ ही महीने बाद...

Monday, 19 February 2018

हमसफ़र - Humsafar Part-5

February 19, 2018 0 Comments
करीब तीन साल हो चुके थे उसे यहाँ से गए हुए मेरी ज़िन्दगी पहले की तरह चल रही थी रोज सुबह ऑफिस जाना और शाम को लौट कर खुद खाना बना खा कर सो जाना एक ऐसी ज़िन्दगी जो बेहद आम सी थी नौकरी करने वाले लोगो के बिच खुद के लिए तो वक़्त ही नहीं मिलता कभी , की कभी खुद के बारे में सोच सकूँ ! इस ज़िन्दगी में सब कुछ परफेक्ट नहीं था...

Saturday, 17 February 2018

मूरत .....

February 17, 2018 0 Comments
जल रहा है क्यों चाँद और बुझ गया क्यों सूरज  प्यासी है क्यों नदियाँ और आँखे क्यों है नम  ए बादल तु क्यों न बरसे ज़मी को पानी चाहिए  तप रही ज़मी बुखार से इसे शीतल हवा चाहिए झुलस गए पेड़ पौधे सुख गयी डाल की हर पत्ती  ये कैसे हुआ क्यों हुआ यह सवाल हर नज़र पूछती  ए...

Thursday, 15 February 2018

कसूर .....

February 15, 2018 0 Comments
कुछ तेरी निगाहों का कसूर था कुछ मेरी नज़रों का  हम तुम यूँही बदनाम हो गए ज़माने में ये खेल दो धड़कते दिलों का था  हुश्न तो यूँही बेवजह बेवफा हो गयी ज़माने में  हमने तेरे हुश्न से नही सिर्फ एक तुझसे मोहब्बत किया था  क्या क्या संभालता मैं भला दिल ,जान ,नज़र और क्या क्या  मैं तो तेरे पाज़ेब की...

शाम - The SunShine

February 15, 2018 0 Comments
शाम मधहोश होकर रात की आगोश में  डूब रही है  और हम तेरी याद में धीरे धीरे उतरते ही जा रहे है  पंक्षी अपने बसेरो पर लौट रहे है धीरे धीरे अब  हम और गहरे उतर रहे है तेरी यादों के साये में  दूर कही कोई कलि भी अब खिल कर मुरझा रही  दिल में बहुत से नए रंग लिए खुद को समेट रही  तितलियों...

Monday, 12 February 2018

हमसफ़र - Humsafar Part -4

February 12, 2018 0 Comments
अगली सुबह महिला आयोग के कुछ अधिकारी आये काफी सारी पूछताछ के वो उसे वहा से ले जाने लगे , मैं अपने बेड पर लेटा हुआ था लेटे लेटे ही पता नही मुझे क्या हुआ मैंने उसे पुकारा एक नाम - आयशा मैंने ये नाम जैसे ही लिया सब रुक गए और वो भी , क्या कहा तुमने ? जी मुझे लगा जब तक हमे इसके बारे में कुछ पता नही चलता तब तक के लिए क्यों...

Friday, 9 February 2018

Kareeb kareeb .....

February 09, 2018 0 Comments
Kareeb kareeb rahte ho tum is tarah  Jaise dil ki dhadkan or saanse us tarah  Tujhse na to koi sharm hai or na haya  Is diwangi ki koi hadd ho to tu bata  Dekhti ho mujhe hasrato bhari nazro se  Kya kya chhupa rakha hai kuch to bata  In hasrato bhari nigahon pe daaw laga  Dil...

Thursday, 8 February 2018

हमसफ़र - Humsafar Part -3

February 08, 2018 0 Comments
शाम को मैं हॉस्पिटल पहुँचा उस लड़की को देखने पर वो मुझे अपने बेड पर नही दिखी तो मैं रिसेप्शन पर गया और वहा पूछने पर पता चला की उसे तो आधे घंटे पहले ही डिस्चार्ज किया गया है ! उसे यहाँ लेने कौन आया था ? जी कोई नही तो फिर आपने उसे डिस्चार्ज क्यूँ किया आपने पुलिस को कॉल करके बताया की मरीज को आपने यहाँ से डिस्चार्ज...

Wednesday, 7 February 2018

हमसफ़र - Humsafar भाग -2

February 07, 2018 0 Comments
आधे घंटे के बाद पुलिस आयी उन्होंने मेरा बयान लिया लेकिन वो बार बार इसी बात पे अटके हुए थे की तुम देर रात के बाहर दरिया के किनारे कर क्या रहे थे और मैं बार बार उन्हें यह बताता रहा की सर मुझे गर्मी लग रही थी तो मैं बस निकल गया था घर से बाहर मगर वो थे की बस उसी बात पे अटके हुए थे ! उन्होंने मुझसे पूछा उस गाड़ी...

Friday, 2 February 2018

हमसफ़र .....

February 02, 2018 0 Comments
करीब रात के बारह बज रहे होंगे गर्मी पड़ रही थी इसलिए सोचा की थोडा बाहर टहल आऊं , बाहर टहलते टहलते कानो में हैडफ़ोन लगाये अपनी धुन में बस चलता रहा इस बात की फ़िक्र किये बगेर की मैं अपने घर से काफी दूर निकल आया हूँ ! कुछ ही दूर पे दरिया है बहुत ही खुबसूरत जगह है और उसका नाम भी काफी खुबसूरत है नीलम , नीलम नाम है उस दरिया...

Thursday, 1 February 2018

चोला......

February 01, 2018 0 Comments
कोई हिन्दू बन रहा है कोई मुसलमान बन रहा है  किसी को सिख बनना है तो किसी को ईसाई बनना  है  हर कोई बस एक चोला ओढ़ लेने को तैयार बैठा है  कोई पगड़ी पहन रहा है कोई पगड़ी उतार रहा है  कोई मुछ बढ़ा रहा है कोई मुछ उतार रहा है  सब एक से बढ़कर एक चोला ओढ़ने की दौड़ लगा रहा है  कल तक जिनके...
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