Thursday, 14 June 2018

सुबह जब तुम्हे देखता हूँ

mera aqsh, my love, jab tumhe dekhta hun, author ansari, mera salam, md danish ansari, urdu shayri, hindi shayari,
Mera Aqsh - My Love

सुबह जब तुम्हे देखता हूँ तो बहुत खुश हो जाता हूँ
एक अलग ताज़गी और  जोश से पूरा भर जाता हूँ
बड़ा बेताब  रहता है  मेरा  दिल  तुझसे  मिलने को
तेरी हर एक  मुस्कुराहट पर मैं  कुर्बान हो जाता हूँ
तुम्हारी   आँखों  में   कोई  खूबसूरत   सा  जादू   है 
जिधर   को   देखती  है   उधर  को   ठहर  जाता  हूँ 
बात करती हो तो एक  अलग ही दुनिया में होता हूँ 
उस  दुनिया  में बस  एक तुम  हो और  एक  हम है 
ये  खूबसूरत  एहसास मेरे  दिल के  बहुत करीब  है 
मैं  तुम्हे   कैसे  बताऊँ   तुम्हे   कितना   चाहता  हूँ 
मुझे तो खुद ही नहीं पता के तुम्हे कितना चाहता हूँ 
कभी कभी ये  सारे सवाल मुझे  अटपटे से  लगते है 
फिर भी  अगर ये  तुम्हारे लिए  एहमियत  रखते है 
तो मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ 
समंदर की  गहराई से  ज्यादा है  तुमसे मोहब्बत 
आसमान की ऊँचाई से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत 
हवा  की  ताज़गी  से  ज्यादा  है  तुमसे  मोहब्बत 
आग  की  तपिश  से  ज्यादा  है  तुमसे  मोहब्बत 
सितारों की  रौशनी से  ज्यादा है  तुमसे मोहब्बत 
चाँद  की  चाँदनी   से  ज्यादा  है  तुमसे  मोहब्बत 
मगर  सच   कहूँ   तो  यह  सब   कुछ   बेमानी  है 
क्योकि   मेरी   मोहब्बत    इनमे    से   कोई   भी 
न तौल सकता है और न ही उसको मोल सकता है
तुमसे मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ
सुबह जब तुम्हे देखता हूँ तो बहुत खुश हो जाता हूँ
एक अलग  ताज़गी और  जोश से पूरा भर जाता हूँ

*****
Md Danish Ansari

No comments:

Post a Comment