सुबह जब तुम्हे देखता हूँ तो बहुत खुश हो जाता हूँ
एक अलग ताज़गी और जोश से पूरा भर जाता हूँ
बड़ा बेताब रहता है मेरा दिल तुझसे मिलने को
तेरी हर एक मुस्कुराहट पर मैं कुर्बान हो जाता हूँ
तुम्हारी आँखों में कोई खूबसूरत सा जादू है
जिधर को देखती है उधर को ठहर जाता हूँ
बात करती हो तो एक अलग ही दुनिया में होता हूँ
उस दुनिया में बस एक तुम हो और एक हम है
ये खूबसूरत एहसास मेरे दिल के बहुत करीब है
मैं तुम्हे कैसे बताऊँ तुम्हे कितना चाहता हूँ
मुझे तो खुद ही नहीं पता के तुम्हे कितना चाहता हूँ
कभी कभी ये सारे सवाल मुझे अटपटे से लगते है
फिर भी अगर ये तुम्हारे लिए एहमियत रखते है
तो मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ
समंदर की गहराई से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
आसमान की ऊँचाई से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
हवा की ताज़गी से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
आग की तपिश से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
सितारों की रौशनी से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
चाँद की चाँदनी से ज्यादा है तुमसे मोहब्बत
मगर सच कहूँ तो यह सब कुछ बेमानी है
क्योकि मेरी मोहब्बत इनमे से कोई भी
न तौल सकता है और न ही उसको मोल सकता है
तुमसे मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ
सुबह जब तुम्हे देखता हूँ तो बहुत खुश हो जाता हूँ
एक अलग ताज़गी और जोश से पूरा भर जाता हूँ
*****
Md Danish Ansari
No comments:
Post a Comment