बड़े दिनों के बाद मैंने कुछ लिखा है
कुछ बातें लिखा है कुछ शिकायतें लिखा है
तुम्हारे आने से लेकर तुम्हारे जाने तक का सफ़र लिखा है
लिखा है मैंने के कैसे तुम बहार बन के आये
ये भी लिखा के कैसे तुम मुझ पर बरसात बन के आये
ये भी लिखा की चिलमिलाती धुप में कैसे तुमने छाव दी मुझे
कभी जुल्फों से साया किया तो कभी आँचल से साया किया
ये भी लिखा है के कैसे किसी से बात न करते करते
तुम्हारे साथ बैठे बिठाये खिलखिला गए
लिखा है मैंने हर एक दास्ताँ हमारी मुलाकातों का
लिखा है मैंने ये भी कैसे हम एक दुसरे के करीब आ गए
सब कुछ लिखा है बस ये नहीं लिखा के
कब क्यूँ कहाँ तुम मुझसे बेवफा से हो गए
क्यों उन सारी बातों का वजूद मिटने लगा
क्यों उन सभी वादों का सफ़र ख़त्म होने लगा
क्यों सारी बातों की कशिश फ़ना हो गयी
क्यों हर मुस्कराहट चीख ओ पुकार और आहों में बदल गयी
सब कुछ लिखा है मगर तेरी बेवफाई लिखी न गयी
तेरे टूटते वादों की चीखो पुकार लिखी न गयी
लिखी न गयी मेरे आँखों में मरती हर उम्मीद की तकलीफ
न लिखी गयी मुझसे मेरे जज्बातों की ख़ामोशी
न लिखे गए मुझसे मेरे टूटते ख्वाबों के मंज़र
न लिखे गए मुझसे मेरी मरती मोहब्बत के मंज़र
सारी गालियाँ बद दुआएँ मैंने अपने नाम लिखा है और
सारी तारीफे और दुआएँ तेरे नाम लिखा है
मुझे ये अब भी गवारा नहीं के कोई तुझे गलत कहे
मुझे यह गवारा नहीं के तुझसे कोई नफरत करे
मुझे यह भी गवारा नहीं के तू ज़माने भर में बदनाम हो
हाँ मैंने सब कुछ लिखा है बस तेरी बेवफाई नहीं लिखी
तुम भले ही मुझे सबके सामने जलील करो
मगर मैं किसी से तुम्हारा सच न कहूँगा
मेरे लिए यह काफी है के सच तू जानती है
बड़े दिनों के बाद मैंने कुछ लिखा है
तुम्हारे आने से लेकर तुम्हारे जाने तक का सफ़र लिखा है
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Md Danish Ansari
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