Saturday, 6 October 2018

आज़ाद हूँ

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Mera Aqsh
आज़ाद हूँ परवाज हूँ हर बात की मैं काट हूँ 
रोके ज़माना मेरे कदम क़तरा क़तरा कहे मैं आज़ाद हूँ 
आज़ाद हूँ परवाज हूँ हर बात की मैं काट हूँ 
आँधियाँ क्या मोड़े मुझे मैं खुद ही तूफान हूँ 
आज़ाद हूँ। ......... आज़ाद हूँ। ......... आज़ाद हूँ 
कितने दिनों से मेरे पर क़तरता रहा है ज़माना यहाँ 
खामोश मैं सहमी हुई डरपोक मैं डरी हुई 
अब कहा वो डर है अब कहा वो दहशत दिल में है 
आज़ाद हूँ। ......... आज़ाद हूँ। ......... आज़ाद हूँ 
नोचते रहे हो तुम गोश्त मेरे सीने से 
अब ये बताओ मुझे क्या मिला है तुम्हे 
प्यास तेरी बुझती नहीं आग तेरी ठण्डी पड़ती नहीं 
फिर तो बेकार मेरा यूँ खामोश मर जाना मेरा 
आज़ाद हूँ परवाज हूँ हर बात की मैं काट हूँ 
आज़ाद हूँ परवाज हूँ हर बात की मैं काट हूँ 
आज़ाद हूँ। ....... आज़ाद हूँ। ......... आज़ाद हूँ 
आज़ाद हूँ !


Md Danish Ansari

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