Wednesday, 29 August 2018

नन्ही चिड़िया - Inspiration Story | Conclusion

August 29, 2018 0 Comments
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Mera Aqsh - Inspiration Story
मैं थोड़ा उदास हो गया उसे वह न देख कर तभी अचानक से वो ची ची की आवाज करते हुए उसी पेड़ पर लोट आयी उसकी चोंच में कई तिनके थे ! शायद वह फिर से अपना घोसला बनाने वाली थी और देखते ही देखते उसने दिन भर तिनके इकठ्ठे करके अपना घोसला बनाना शुरू कर दी पर इस बार उसने अपना घोसला दूसरी डाल पे बनाई क्योकि पहली डाल तो टूट चूका था ! वो दिन भर काम करती रही मैंने घर वालो से कह कर उसके लिए अपनी खिड़की पर दाने रखवा दिए ताकि उसे कही दूर न जाना पड़े अपने खाने की तलाश में वो काम करती रही और मैं उसे देखता रहा ! वो बड़ी बारीकी से अपना काम कर रही थी एक एक तिनके को ऐसे एक दूसरे के साथ मिला रही थी जैसे एक चादर बुनने वाला धागों के क्रम को बड़ी सटीकता से करता है ठीक वैसे ही जैसे कपड़ो पे कढ़ाई की जाती है ! इससे पहले मैंने कभी इस पर धयान नहीं दिया कुछ देर बाद मेरी आँख कैसे लगी मुझे पता ही नहीं चला सुबह मुझे ची ची की आवाज़ सुनाई दी मैं जाग गया देखा वो चिड़िया मेरी खिड़की पे बैठी है !

मैंने उसके घोसले की तरफ देखा तो वह बन कर तैयार हो चूका था वो पहले वाले से बड़ा और ज्यादा मजबूत लग रहा था ! मैंने उस नन्ही चिड़िया से कहा - ओ तो तुम मुझे अपना घर दिखाना चाहती हो काफी खूबसूरत है तुम्हारा घर तुमने बहुत मेहनत की है इसके लिए है न ! वो बस खिड़की पे बैठी रही और ची ची की आवाज़ करती रही ऐसे जैसे वो मेरी बातो का जवाब दे रही हो शायद मेरा दिमाग ख़राब हो चूका है जो एक चिड़िया से बाते कर रहा हूँ और उससे उम्मीद कर रहा हूँ की वह मेरी बात को समझे और उसका जवाब दे ! तुम कितनी खुश किस्मत वाली हो तुम जहा चाहो वहा जा सकती मगर मैं नहीं हा कभी मैं भी दुनिया देखना चाहता था पर काम से फुर्सत ही नहीं थी आज फुर्सत है तो कही जाने के लायक ही नहीं ! खैर तुम्हे भूक लगी होगी तुमने कुछ खाया की नहीं, तभी दरवाजे पे दस्तक हुई अम्मी अंदर आयी तुम किस्से बाते कर रहे हो बीटा ? कुछ नहीं बस उस चिड़िया से देखिये उसने कितना खूबसूरत घोसला बनाया है अपने लिए, इसका पहला वाला घोसला बारिश और हवा के चलते बिखर गया था और वो डाल भी टूट गयी !

कुछ देर अम्मी मुझसे बाते करती रही फिर वो निचे चली गयी काम करने मेरी इस हालत को देख कर अम्मी उदास हो जाती है पर इसमें न तो मैं कुछ कर सकता था और न ही वो ! बारिश होने वाली है मैं उस नहीं चिड़िया के लिए थोड़ा परेशां भी हूँ पिछली बार उसका घोसला बिखर गया था इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए ये सोच कर बस उसके लिए दुआ कर दी ! उसका घोसला सही सलामत था मुझे यह देख कर काफी खुसी हुई कुछ दिन बीते और फिर एक रोज जब मैं सुबह उठा और खिड़की के बाहर जैसे ही देखा तो वह घोसला वहा नहीं था मैं थोड़ा परेशान हुआ मैंने जोर से अम्मी को आवाज लगाया और वो ऊपर, क्या हुआ तुम्हे ? अम्मी खिड़की से बाहर झाँक कर देखिये क्या उसका घोसला फिर से बिखर गया है ? तुम क्या कह रहे हो मैं कुछ समझी नहीं ? उस चिड़िया का घोसला देखिये की वो क्या बिखर गया है या निचे गिर गया है ! अम्मी निचे बाहर देख कर बोली माफ़ करना बेटा उसका घोसला टूट चूका है , मैं उदास हो गया !

कई दिनों तक वह मुझे दिखी नहीं मैं और परेशान होने लगा मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कोई मेरा अपना मेरा साथ छोड़ गया हो मैं उसके बारे में बहुत ज्यादा सोच रहा था ! तभी एक शाम वो वापस आयी मेरी खिड़की पे उसके मुँह में फिर से कुछ तिनके थे ! मैं हैरान था - क्या तुम फिर से अपना घोसला बनाने वाली हो और वो भी उसी जगह देखो अगर तुम चाहो तो तुम यहाँ मेरे कमरे में रह सकती हो ! उसने अपने चोंच में दबे तिनके को खिड़की पे राखी और कुछ बोला उसने ची ची ची मैं समझ नहीं पाया की वो क्या कहना चाह रही है और वह फिर से उड़ कर उसी पेड़ पर जा बैठी और फिर शुरू हुई उसकी कारीगरी वह दिन रात मेहनत करती रही और देखते ही देखते फिर से घोसला तैयार हो गया ! मैं उसे देख कर हैरान था एक नन्ही सी जान जिसकी ज़िन्दगी शायद कुछ ही सालो की होगी वह इतना संघर्ष कर रही है सिर्फ अपने घर के लिए यह सब देख कर मैं हैरान था !

यह सब देख कर मुझे एक सिख मिली ज़िन्दगी चाहे छोटी हो या बड़ी उसे खुल कर जीना चाहिए और उस ज़िन्दगी में चाहे जितनी भी मुश्किलें आये उसका डट कर सामना करो आप हारोगे गिरोगे बार बार फ़िसलोगे मगर आपको रुकना नहीं है आपको बस वही करते जाना है ! जो आप करना चाहते है दुनिया क्या कहती है क्या करती है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क सिर्फ इस बात से आपको पड़ता है की आप क्या करना चाहते क्या पाना चाहते किससे प्यार करना चाहते है ये ज़िन्दगी आपकी है इसलिए आप यह तय करेंगे की आप अपनी ज़िन्दगी कैसे जीना चाहते है क्या आप बहादुरी के साथ ज़िन्दगी में आयी बड़ी से बड़ी तूफ़ान से सीधे टकरा जाना चाहते है या फिर उससे बचने के लिए भागना चाहते है आप बुजदिल बन कर जीना चाहते है या एक योद्धा की तरह वीर की तरह मरना चाहते है ! मैं इस बेड पर अपनी सारी ज़िन्दगी नहीं गुजारने वाला मैं बाहर जाऊंगा घूमूँगा जो मन में आएगा करूँगा प्यार करूँगा एक अच्छी ज़िन्दगी के लिए जो करना पड़े मैं करूँगा मैं हार नहीं मानुगा मैं हार नहीं मानुगा मैं हार नहीं मानुगा !

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Md Danish Ansari

Monday, 27 August 2018

नन्ही चिड़िया - Inspiration Story | Begining

August 27, 2018 0 Comments
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Mera Aqsh - Nanhi Chidiya | Inspiration Story
घर के पास एक बिहि के पेड़ पर एक नन्ही सी चिड़िया का घोसला था ! वो अक्सर सुबह पहले उठती और देर शाम को वापस अपने बसेरे पर आ जाती इस घोसले को बनाये अभी उसे कुछ ही महीने हुए थे ! उसका घोसला मेरे बेड के पास से ही लेटे हुए अपने बाजु वाली खिड़की से देख सकता था ! छुट्टी वाले दिन कभी कभार मेरी नज़र उसके घोसले पर पड़ती तो वो कभी खाली होता तो कभी वो नन्ही सी चिड़िया उसमे उछल कूद कर रही होती तो कभी उसमे कुछ और तिनके बुन रही होती ! यह सब जब मैं देखता तो अजीब सा एहसास होता ऐसा सुकून महसूस होता जैसे कोई धीरे धीरे आपको ख़ुशी दे रहा हो और आपको उसमे मज़ा आ रहा है लेकिन आप उसे बता नहीं सकते और न ही किसी को समझा सकते है !

इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में जब थक हार कर अपने कमरे में वापस लौटता तो अपने बेड पे जाते ही नज़रे कभी कभी उसे ढूंढ़ने लगती ! गर्मी का मौसम आ गया जबरदस्त गर्मी पड़ रही थी ! एक दोस्त ने मुझे मैसेज किया  की गर्मी का वक़्त है थोड़ा सा अनाज और पानी परिंदो के लिए छत पर रखा करो क्योकि वो प्यासे और भूके मर जाते है ! मैंने हलके से झुक कर खिड़की के बाहर देखा तो वो चिड़िया वही थी ! उसकी चहचहाट बहुत खूबसूरत थी कभी कभी तो वो मेरे खिड़की के पास आ बैठती तो मैं उसे बस देखते रहता की आखिर ये करना क्या चाहती है ! वो इधर से उधर फुदकते रहती मुझे अच्छा लगता था मैंने उसके लिए अपनी खिड़की के पास अनाज और पानी रख छोड़ा था ! वो अक्सर आती दाना चुगति और हलकी सी आवाज़ पर भी फुर से उड़ जाती !

दिन यूँही गुजरते गए और बारिश का मौसम आ गया मुझे बारिश बहुत पसंद है और भीगना भी मैं जानता हूँ ज्यादातर लोगो को बारिश का मौसम पसंद नहीं पर मुझे पसंद है ! एक दिन मैं अपने दोस्त के घर से लौट रहा था रात काफी हो चुकी थी और जोरो की बारिश हो रही थी ! मैं फिर भी बाइक धीरे धीरे चलाता रहा ! भीग भी रहा था अचानक से हवा तेज़ हो गयी तो ढंड लगने लगी हाँथ भी कापने लगे ! मैं धीरे धीरे बढ़ता रहा तभी अचानक से टायर स्लीप हुआ मैंने गाड़ी को संभालना चाहा मगर गलती से एस्क्लेटर दे दिया और मेरी बाइक सीधे साइड में लगे लोहे डिवीडर से टकराया और मैं फैका गया ! मुझे पैरो में काफी चोट लगी थी खून बह रहा था पर मैं उठ नहीं पाया बहुत कोशिश करने के बाद भी नहीं फिर बेहोश हो गया ! सुबह आँख हॉस्पिटल में खुली फिर मेरे दोस्तों ने मुझे घर पहुँचाया डॉक्टरों का कहना था की रात भर मेरा खून बहता रहा जिससे मेरे शरीर में खून की कमी हो गयी साथ ही पैर की कुछ खास नशों को ज्यादा चोट लगी जिससे खून बहुत बहा और वह सिकुड़ कर एक दूसरे से चिपक सी गयी यही वजह थी की मुझे अपने सीधे पैर में जान महसूस नहीं हुई !
डॉक्टर तो यहाँ तक बोल गए की शायद ये पैर अब कभी काम न करे मैं इस बात को लेकर काफी परेशान रहता ! फिर एक दिन बिस्तर पर लेटे लेटे अचानक से मुझे उस नन्ही चिड़िया का ख्याल आया तो मैंने खिड़की से बाहर देखा तो उसका घोसला वहा नहीं था वो डाल शायद उसी तूफ़ान में टूट गया था जिस दिन मेरा एक्सीडेंट हुआ था !

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Wednesday, 8 August 2018

फिर भी तेरी यादों के निशाँ बाकि है

August 08, 2018 0 Comments
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Mera Aqsh

तेरी यादों पे जमती रही है धूल मगर 
फिर भी तेरी यादों के निशाँ बाकि है 
एक मोटी परत है धूल की मगर देखो 
उसमे भी तेरे नाम के हर्फ़ बाकि है 
कभी उभरता है तो साफ़ दीखता है 
कभी छुपने की नाकाम कोशिश करता है
कभी मेरे पीछे बेसुध दौड़ पड़ता है 
तो कभी छुप छुपा कर पीछा करता है 
अजीब दास्ताँ है मेरी और तेरी यादों का 
कभी खिलती धुप की तरह है, तो 
कही टिमटिमाती लौ की तरह है 
सच कहता हूँ। ....... 
तेरी यादों पे जमती रही है धूल मगर 
फिर भी तेरी यादों के निशाँ बाकि है 
कभी तड़पता हूँ तो कभी खुश होता हूँ 
कभी रूठता हूँ कभी खुदी को मनाता हूँ 
शहर-ए-यार में इन आँखों ने हुश्न का दीदार बहुत किया है 
मगर इस दिल ने एक तेरे सिवा किसी से न वफ़ा किया है 
किसी भूली बिसरी कहानी की तरह है 
फिर भी यहाँ तेरी यादों के निशाँ बाकि है
तेरी यादों पे जमती रही है धूल मगर 
फिर भी तेरी यादों के निशाँ बाकि है। 

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Md Danish Ansari