मुझे भी तमन्ना होती है तेरी
तुझे भी क्या मुझसी तड़प उठती है
ख्यालों ख्यालों में रहता हूँ हर वक़्त
तुझे भी क्या मुझसी तलब होती है
कहना मैं चाहूँ पर कुछ भी न कह पाऊँ
तुम्ही बता दो मैं कैसे जताऊँ
है इस दिल में प्यार जो तेरे लिए है
कैसे मैं उसको तुझसे मिलाऊँ
मुझे भी तमन्ना होती है तेरी
तुझे भी क्या मुझसी तड़प उठती है
गुजर जाती है दिन तुझको याद करके
रातें गुजरती है तेरी फरियाद करके
तीनों पहर में ख्याल है मुझको
तू मेरी नही किसी और कि है
लड़ लड़ मैं जाता सबसे यहाँ पे
जो तुम ये कहती इश्क़ है तुमसे
मगर कोई अफ़सोस नही है मुझको
जो भी हुआ है तेरे हक़ में हुआ है
सिर्फ इश्क़ ही यहाँ जरूरी नही है
क़ाबील बनाना पड़ता है खुद को
इश्क़ का रंग मुझपे भी चढ़ा है
उसकी खूबसूरत यादों का
मुझ पर पहरा है
वो रगो में दौड़ती है लहू बनके मेरी
उसकी एक एक मुस्कान का
मेरी आँखों में बसेरा है
इश्क़ में हम तो हम ही नही है
कहता है ज़माना के बस तू ही तू है
मैं मैं भी अब रहा नही साक़ी
अब तू ही बता मुझमे मेरा क्या है बाकि
मुझे भी तमन्ना होती है तेरी
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