Tuesday, 24 April 2018

मुझे भी तमन्ना होती है तेरी

April 24, 2018 0 Comments


मुझे भी तमन्ना होती है तेरी 
तुझे भी क्या मुझसी तड़प उठती है
ख्यालों ख्यालों में रहता हूँ हर वक़्त 
तुझे भी क्या मुझसी तलब होती है
कहना मैं चाहूँ पर कुछ भी न कह पाऊँ
तुम्ही बता दो मैं कैसे जताऊँ
है इस दिल में प्यार जो तेरे लिए है
कैसे मैं उसको तुझसे मिलाऊँ
मुझे भी तमन्ना होती है तेरी
तुझे भी क्या मुझसी तड़प उठती है
गुजर जाती है दिन तुझको याद करके
रातें गुजरती है तेरी फरियाद करके
तीनों पहर में ख्याल है मुझको
तू मेरी नही किसी और कि है 
लड़ लड़ मैं जाता सबसे यहाँ पे
जो तुम ये कहती इश्क़ है तुमसे
मगर कोई अफ़सोस नही है मुझको
जो भी हुआ है तेरे हक़ में हुआ है 
सिर्फ इश्क़ ही यहाँ जरूरी नही है
क़ाबील बनाना पड़ता है खुद को
इश्क़ का रंग मुझपे भी चढ़ा है
उसकी खूबसूरत यादों का 
मुझ पर पहरा है 
वो रगो में दौड़ती है लहू बनके मेरी 
उसकी एक एक मुस्कान का 
मेरी आँखों में बसेरा है
इश्क़ में हम तो हम ही नही है
कहता है ज़माना के बस तू ही तू है
मैं मैं भी अब रहा नही साक़ी
अब तू ही बता मुझमे मेरा क्या है बाकि

मुझे भी तमन्ना होती है तेरी

तुझे भी क्या मुझसी तड़प उठती है

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Md Danish Ansari

Saturday, 14 April 2018

सत्य मेव जयते

April 14, 2018 0 Comments
Pic Source : City JK FM

हमारे देश में तीन सेनाये पहले से है जो हम सबकी हिफाजत करती है बड़ी ही मुस्तैदी से 24 * 7 घंटे ये सेना है - थल सेना , जल सेना और वायु सेना। इन तीन सेनाओं के अलावा इस देश में और भी बहुत सारी सेनाये जन्म ले रही है कुछ धर्म का नाम लेकर कुछ जाति का नाम लेकर कुछ सम्प्रदाय का नाम लेकर कुछ संस्कृति का नाम लेकर इन सेनाओं के नाम कुछ इस तरह है फलाना सेना , ढिमका सेना , ताऊ सेना , मौसी रक्षा सेना , चाचा धर्म सेना , खाला की रक्षा सेना वगेरा वगेरा वगेरा। 
ये सेनाये असल में सेनाये कम और गुंडे मवालियों की भीड़ ज्यादा है ये गुंडे और मवालियों की भीड़ किसी के साथ इन्साफ नहीं करती ! एक लड़की स्कूल से घर वापस जाती है और रस्ते में कुछ मजदुर उसे रोक के कहते है की उनके पास उसके आपत्ति जनक फोटोज है अगर वह उनकी बात नहीं मानती है तो वह उसे सोशल मीडिया पर डाल देंगे।  लड़की ने इस बात की शिकायत अपने घर वालो के साथ मिलकर पुलिस स्टेशन में कर आये उसके कुछ देर बाद व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी से झूट का ज्ञान की गंगा बहनी शुरू होती है और गुंडे मवालियों की एक फ़ौज बाहर निकल कर चुन चुन कर दुकानों को आग लगा देती है वे सभी दुकाने मुस्लिमो की थी बाद में उस भीड़ के चले जाने के बाद पड़ोसी दूकानदार जलती हुई दुकानों की आग को बुझाते है और वे सब हिन्दू थे अब यहाँ सवाल ये है की जिन लोगो ने आग लगाया वो कौन थे जिनकी दुकाने जली वो मुस्लिम और जिन्होंने आग बुझाया वो हिन्दू तो आग लगाने वाले हाँथ कौन से थे मैं इन्हे स्वंघोषित हिन्दू कहता ठीक उसी तरह से जैसे मैं उन आतंकवादियों को स्वंघोषित मुस्लिम कहता जो सर पे टोपी लगा कर दाढ़ी बढ़ा कर मासूमों की हत्या कर देते है। 

अब आते है उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में एक विधायक और उसका भाई मिलकर एक लड़की का रेप करते है मैं आपको ये नहीं बताऊंगा की विधायक किस पार्टी से है या उसका नाम क्या है लेकिन मैं आपको यह जरूर बताऊंगा की रेप करने वाले खुद को किस धर्म का मानते है और जिस लड़की का रेप हुआ वो किस धर्म से आती है और वो भीड़ जिसने उस लड़की के ऊपर हमला किया उस रेपिस्ट नेता और उसके भाई को बचाने के लिए रेप हो गया लड़की और उसके पिता पुलिस स्टेशन गए इस उम्मीद में की रिपोर्ट करेंगे पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती उल्टा रेपिस्ट नेता का रेपिस्ट भाई पीड़िता के बाप को उठा ले जाता है उसे बुरी तरह मार कर अधमरा छोड़ देता है थोड़ी देर बाद पुलिस आती है और उस लड़की के पिता को उठा कर जेल में दाल देती है जहा पिता की मौत हो जाती है पुलिस मरे हुए पिता के अंगूठे का निशान लेते है बहुत सारे दस्तावेजों पर फिर उस नेता के के समर्थक उस लड़की पर हमला कर देते है जैसे तैसे वह लड़की अपनी जान बचा कर वहा से भाग जाती है अब सबसे छुपते छुपाते फिर रही है न जाने कब फिर कोई उसकी लाचारी का फायदा उठा ले। 
इस पुरे घटना क्रम में नेता भी हिन्दू लड़की भी हिन्दू लड़की का बाप भी हिन्दू मरने वाला भी हिन्दू मारने वाला भी हिन्दू रेप करने वाला भी हिन्दू जिसका रेप हुआ वो भी हिन्दू और फिर उस नेता के लिए एक और सेना भीड़ बनकर सामने  जाती है। 

अब चलते है जम्मू कश्मीर आठ साल की आसिफा को उसका पड़ोसी उसे गिडनॅपे करता है उसे मंदिर में कैद करता है उस छोटी सी बच्ची को हाई डोज़ बेहोशी की दवा देकर मंदिर में कैद करता है उसका सामूहिक बलात्कार करने से पहले मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है फिर उस बच्ची के जिस्म से सब मिलकर एक एक करके गोस्त का टुकड़ा नोचने लगते है सब मिलकर उसका बलात्कार करते है उस लड़की को पत्थरों से कुचल देने के बाद उनमे से कुछ उस बच्ची के मर जाने के बाद भी उसका बलात्कार करते है। लड़की का पिता अपने बच्ची के लाश को उसके क्षत विक्षत शरीर को अपने हाँथों में उठाये हुए है पुलिस आती है ताकि रिपोर्ट दर्ज हो सके और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो सके मगर होता क्या फिर से एक गुंडे मवालियों की फलाना धर्म सेना आती है और पुलिस से धक्का मुक्की करती है जय श्री राम का नारा लगाती है हाँथों में झंडे लिए भारत माता की जय बोलती है और लड़की के पिता को देशद्रोही और पाकिस्तानी बोल कर उसके साथ धक्का मुक्की करते है पुलिस बिना रिपोर्ट दर्ज किये लौट जाती है दो नेता है आते है और उस फलाना धर्म सेना की वाह वाही करते है और उनका मनोबल बढ़ा कर चले जाते है।  अब आप मुझे बताइये इनमे कौन सही है और कौन गलत हिंदुस्तान में दो तरह के राम का वास है इस वक़्त एक वो राम जो हम सबके दिलों में वास करता है वो राम हिंदुस्तान के कोने कोने में वास करता है और एक राम ऐसा है जो इनके जबानो पर तो है पर इनके दिलों में नहीं है हम सबका राम अन्याय करने से रोकता है और इन गुंडे मवालियों का राम अन्याय करने के लिए कहता है और जुल्म करने वालो को बचाने के लिए प्रेरित करता है ठीक इसी तरह दुनिया में सभी धर्मो का प्रति रूप जन्म ले रहा है एक वो इस्लाम है जो कहता है किसी एक मासूम का खून करना पूरी इंसानियत का खून करने के बराबर है और एक झूठा और फरेबी लोगो का इस्लाम है जो इस्लाम के नाम पर जिहाद के नाम पर मासूम लोगो का क़त्ल कर देते है इसी तरह बौद्ध धर्म भी दो है एक वो है जो कहता है की किसी जिव की हत्या मत करो और एक वो है जो कहता है की मुसलमानो को मार डालो आज पूरी दुनियां में हर धर्म का एक बुरा पक्ष तैयार हो रहा है इसे तैयार करने वाले हम ही लोग है न की कोई और तो फिर बताइये मुझे क्या मेरा यह कहना उचित नहीं की राम का नाम जपने वाला राम भक्त नहीं होता ठीक उसी तरह कलमा पढ़ने वाला हर शख्स मुस्लमान नहीं होता भारत माता की जय कहने वाला हर शख्स देश भक्त नहीं हो सकता ठीक उसी तरह वन्दे मातरम न कहने वाला देश का गद्दार नहीं हो सकता।

मैं हमेशा एक बात कहता राष्ट्रवाद किसी भी मुल्क को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है वही अंधराष्ट्रवाद किसी भी ताक़तवर मुल्क को धरासाई करने की क्षमता रखता है ठीक इसी तरह सच्चा धर्म हमे बुराई और झूट के मार्ग से बचाता है वही अन्धविश्वास हमे अज्ञानता के गर्त में धकेल देता है जहा सिर्फ अँधेरा है जहा कुछ भी नहीं आता ये जो गुंडे और मवालियों की टोली है न ये भी धर्म से कोसो दूर है और अधर्म के गर्त में जा पहुंचे है जहा उन्हें न तो सत्य दीखता है न सुनाई देता है बस रह जाता है तो उनके अंदर का अन्धविश्वास। 

नोट :- इस लेख का मकसद किसी भी सच्चे आस्थावादी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचना नहीं है इसका मकसद सिर्फ एक है की लोगो को सत्य दिखाया जाये ताकि वह झूठे और मक्कार लोगो के जाल में ना फंसे धर्म के नाम पर क्योकि वो धर्म नहीं अधर्म है वहा सत्य की प्राप्ति नहीं असत्य की गंगा का वास होता है ऐसे पाखंडी लोगो से बच कर रहे और अपने लोगो को भी इन लोगो से दूर ही रहने की सलाह से दे व्हाट्सप्प पे बांटे गए कचरे को सत्य मान कर ग्रहण करने और उसे दुसरो तक पहुंचने से पहले उसका सोर्स पता करे यह भी पता करे की इसके तथ्य सही है या नहीं। 

Wednesday, 11 April 2018

तुम कौन पिया..... second & Last part

April 11, 2018 0 Comments

कल तक था जो अपना वो पराया हो गया
किस मोड़ पे आ के हमसे वो बिछड़ गया

तुम कौन पिया तुम कौन पिया 
शाम ढलती नहीं मुझमे अब भी

हर रात जग के कटती रही यूँही
अश्क बह जाते है मेरी आँखों से 

सुबह होते तक तकिये गीली रही 
क्या रिश्ता है  तुम्हारा और मेरा 

बताओं न, तुम कौन पिया तुम हो कौन पिया 
क्यों तुम मुझे अपने से लगते हो 

फिर क्यों मैं तुमसे डरा करती हूँ 

कोई  नुकसान  न  किया  तुमने 
फिर भी तुझसे दूर रहा करती हूँ 

जो मेरा अपना है वो मुझे पराया लगता है 
और तुम  पराये हो फिर  भी अपना  सा है 

तुम  हो   कौन  पिया   तुम  कौन  पिया 
अजीब दास्तान  है मेरी और तुम्हारी भी 

बहुत गमगीन हूँ हँसती रहती हूँ फिर भी 
जो हमसफ़र है मेरा उसे अश्क दिखते नही

एक  तुम  हो  जो  दबे  पाओं  चले  आते हो 
क्या रिश्ता है अब तुम्हारा हमारा 

बताओं न, तुम हो कौन पिया तुम कौन पिया 
तुम कौन पिया तुम कौन पिया 

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Md Danish Ansari

Saturday, 7 April 2018

Tumhari Aawaz.....

April 07, 2018 0 Comments

Tumhari aawaz pe hum sab kuch 

haar gaye

Dil  haar  gaye or apni  jaan bhi 

 haar  gaye

In  aankhon  ki   neend  bhi   haar 

 gaye  or

Raaton  ka  apna  chain  bhi hum
haar gaye


Tumhari aawaz pe hum sab kuch haar gaye

Kuch  bhi  to  baaki   nahi  hai  ab  mujhme

Suno ek baat kahta hun tum bura na manna

Tum jo ho so ho par ab mujhme bhi sirf ek tum hi tum ho

Ye  kaise hua kyo hua kuch bhi pata nahi mujhe

Bas  ek  aawaz  suni ke or sab  kuch  haar  gaye

Tumhari  aawaz  pe  hum  sab  kuch  haar  gaye

Ye na puchh lena mujhse ke mohabbat me kya doge

Mera to ab  mujhme kuch bhi nahi sab  tera ho gaya

Chand qatre hai lahoo udhar ke jo meri rago me daudte hai

Kuch mohlat mujhe tu  de to kuch mol de dun use

Fir tere naam bade  shauq  se wasiyat kar jayenge

Apne  lahoo  se  tera har  kahi  zikr  karte  jayenge

Tumhari   aawaz   pe  hum   sab  kuch   haar  gaye

Dil   haar   gaye  or  apni    jaan   bhi    haar   gaye

*****
Md Danish Ansari