सुना है
Md Danish Ansari
January 19, 2019
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सुना है उसके हुस्न पे कुदरत को नाज़ है
तो चलो उनका दीदार करके देखते है
सुना है उसकी नज़ाकत पर फूल भी कुर्बान है
तो चलो उसके नखरे उठा कर देखते है
सुना है उसके रुक्सार पे घटाए अंगड़ाइयाँ लेती है
तो चलो उन रुक्सार को जरा छू कर देखते है
सुना है उसकी जुल्फ पर जिन्नो परियों का बसेरा है
तो चलो उन जिन्नो परियों से मुलाकात करके देखते है
सुना है वो मुस्कुराये तो बहारें खिलखिलाती है
तो चलो उन बहारों को जरा छेड़ के देखते है
सुना है उसके कदम जहा भी पड़े वो ज़मीं हरी भरी हो जाए
अगर ऐसा है तो चलो उसे अपने दिल में ठहरा के देखते है
कहते है वो मेहमान नवाज़ी में सबसे आला है
तो चलो हम भी उनके मेहमान बन के देखते है
सुना है जब वो गाती है तो चिड़ियाँ सूर मिलाती है
तो चलो हम भी उसके सूर में सूर मिला के देखते है
सुना है जब वो बात करती है किसी से, तो उसका सब कुछ जीत लेती है
अगर ऐसा है तो चलो हम भी अपना दिल हार के देखते है
सुना है जब रात को उसकी आँखें नींद से बोझल हो जाती है
तो ख़्वाबों के मेले उसकी आँखों में लगते है
अगर ऐसा है तो चलो उसके ख़्वाबों में खुद को शामिल करके देखते है
सुना है उसकी आँखों में खंजर-वंजर चाक़ू-वाकु छुरियाँ-वूरियाँ सब कुछ है
तो चलो हम भी अपना सीना-विना दिल-विल सब आज़मा के देखते है
सुना है उसके शहर में उसे अब भी किसी का इंतज़ार है
तो चलो फिर हम भी अपनी किस्मत आज़मा के देखते है
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Md Danish Ansari